ये दौर भारत का है । वैश्विक चुनौतियों का सामना करते हुए आत्मनिर्भरता और स्वदेशी की राह पर आगे बढ़ रहा है भारत। अपनी उम्मीदों पर हरदम मजबूती से कायम है भारत। दुनिया में युद्ध, राजनैतिक उथल पुथल,टैरिफ संकट के बीच भारत कई देशों के साथ अपने बहुपक्षीय संबंध मजबूत कर रहा है जिसका मकसद सिर्फ एक है - देश के हित को सर्वोपरि रखना। और कमाल की बात है कि ये सारे देश भारत के साथ जुड़ कर विश्व में एक सौहार्दपूर्ण व्यापारिक संबंधों का एक नया अध्याय लिखना चाहते हैं। इन सभी उत्तर चढ़ाव के बीच भी भारत विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरा है। आज विश्व भर के शीर्ष नेतागण दुनिया के इस बदलते हालात में भारत की भूमिका को बहुत अहम् मान रहे हैं। संभावनाओं के इस बाजार में….
अब बारी भारत की है –
ये देखना होगा कि कैसे हम अपनी उपलब्धियों, रणनीतिक स्थिति, कारगर वैश्विक और घरेलू नीतियों और युवा शक्ति का लाभ उठाकर वैश्विक मंच पर एक मजबूत धुरी बनाने की ओर अग्रसर है।
स्वागत और अभिनंदन